Not known Factual Statements About Shodashi

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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।

She is commemorated by all gods, goddesses, and saints. In certain areas, she's depicted donning a tiger’s skin, by using a serpent wrapped all around her neck as well as a trident in a single of her palms even though the opposite holds a drum.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥

उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।

क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

Celebrated with fervor all through Lalita Jayanti, her devotees seek out her blessings for prosperity, wisdom, and liberation, finding solace in her many varieties along with the profound rituals related to her worship.

कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं

लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

It is mostly located that wisdom and prosperity tend not to stay alongside one another. But Sadhana of Tripur Sundari provides each in addition to removes condition and also other ailments. He never ever goes below poverty and gets fearless (Shodashi here Mahavidya). He enjoys the many worldly contentment and receives salvation.

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